पुनर्जागरण।पुनर्जागरण की विशेषताएँ। Rnaissance । Characteristics of Renaissance In Hindi

 
"पुनर्जागरण के फलस्वरूप वैज्ञानिक चेतना का विकास हुआ।"
"धार्मिक सहिष्णुता, कला और वास्तुकला में एक नयी शैली एवं एक नये ढंग के साहित्य का सृजन हुआ।" - स्वेन

पुनर्जागरण ⬇️

Rnaissance ⬇️
पुनर्जागरण फ्रांसीसी शब्द रेनेसाँ (रिने सान्स) का हिन्दी रूपान्तरण है, जिसका अर्थ है 'फिर से जीवित हो जाना'। एडगर स्वेन के अनुसार-" पुनर्जागरण एक व्यापक शब्द है, जिसका प्रयोग उन सभी बौद्धिक परिवर्तनों के लिए किया जाता है जो मध्य युग के अन्त में तथा आधुनिक युग के प्रारम्भ में दृष्टिगोचर हो रहे थे।" दूसरे शब्दों में, "पुनर्जागरण से आशय उस अवस्था से है, जब मानव समाज अपनी पुरानी परम्पराओं से जागंकर नवीन उपयोगी परिवर्तनों के लिए उत्सुक हो जाता है। इस प्रकार जब प्राचीन परम्पराओं में क्रान्तिकारी परिवर्तन होने के फलस्वरूप समाज में आमूल-चूल परिवर्तन हो जाता है तो यह स्थिति पुनर्जागरण कहलाती है।"

संसार के इतिहास में 1300 से 1500 ई० के बीच की अवधि को पुनर्जागरण काल कहा जाता है। इस काल में मानव अपनी अन्धविश्वासी एवं अज्ञानता की प्रवृत्ति को छोड़कर विज्ञान के प्रगति-पथ पर तेजी से बढ़ा। फलतः यह काल पुनर्जागरण काल के नाम से विख्यात हुआ। पुनर्जागरण के अभ्युदय का गौरव 'इटली' को प्राप्त है। इसका एक महत्त्वपूर्ण कारण यह है कि यूरोप और पूर्व के देशों के मध्य हुए व्यापार के पुनरुत्थान के कारण इटली सर्वाधिक सम्पन्न बन गया था। सारा व्यापार लगभग इटली के नियन्त्रण में था। इटली के शहरों का विकास भी सामन्ती नियन्त्रण से मुक्त वातावरण में हुआ था। इस आजादी ने चिन्तन और साहस की भावना को प्रोत्साहन दिया। साथ ही इटली के शासक ज्ञान, विज्ञान और कला के संरक्षक बन गये थे। इन कारणों ने इटली में पुनर्जागरण के विकास के लिए उपयुक्त वातावरण तैयार कर दिया था।

पुनर्जागरण की विशेषताएँ

Characteristics of Renaissance ⬇️
पुनर्जागरण की निम्न प्रमुख विशेषताएँ हैं-

  1. पुनर्जागरण के परिणामस्वरूप धार्मिक विषयों के स्थान पर विज्ञान, सौन्दर्यशास्त्र, इतिहास, भूगोल-जैसे विषयों का अध्ययन- अध्यापन प्रारम्भ हुआ।
  2. परलोकवादी जीवन एवं मोक्ष प्राप्ति के स्थान पर सामाजिक समस्याओं जैसे विषयों को महत्त्व दिया गया।
  3. पुनर्जागरण के कारण कला को प्रोत्साहन दिया गया।
  4. लैटिन व यूनानी भाषाओं के स्थान पर लोकभाषा को विशेष महत्त्व प्राप्त हुआ
  5. मध्ययुगीन मान्यताओं को तर्क के आधार पर खण्डित किया गया और नवीन मान्यताओं को प्रतिष्ठा प्राप्त हुई।
  6. जनता में आलोचनात्मक एवं अन्वेषणात्मक प्रवृत्ति पैदा हुई।
  7. आत्मनिग्रह के स्थान पर आत्मविकास और मानव जीवन के सुखों पर जोर दिया गया।
  8. पुनर्जागरण ने मनुष्यों को रुड़ियों, अन्धविश्वासों तथा चर्च के बन्धनों से छुटकारा दिलाया।
  9. पुनर्जागरण नै मानवतावादी विचारधारा का विकास किया। मानवतावादी विचारकों द्वारा मानव-जीवन को सार्थक बनाने की शिक्षा ने मानव के प्रति आस्था को पुष्ट किया।
  10. पुनर्जागरण ने सदियों से चली आ रही मान्यताओं को झकझोर कर रख दिया।

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