प्रथम विश्वयुद्ध की प्रमुख विशेषतायें [PDF] Main features of the First World War In Hindi
प्रथम विश्वयुद्ध की प्रमुख विशेषतायें 🎯
MAIN FEATURES OF THE FIRST WORLD WAR ⬇️
प्रथम विश्वयुद्ध की प्रमुख विशेषतायें निम्नलिखित थी।
1.आधुनिक अस्त्र-शस्त्रों का प्रयोग 🗡️
USE OF MODERN WEAPONS ⬇️
आधुनिक अस्त्र-शस्त्रों का प्रयोग यह युद्ध पहले के सभी युद्धों से सर्वथा भिन्न था। इसके पूर्व युद्ध केवल स्थल और जल पर ही लड़े गए थे, किन्तु यह युद्ध हवा और जल के अन्दर भी लड़ा गया। इस युद्ध में पनडुब्बियों ने समुद्री जहाजों को डुबोने का कार्य किया। इस युद्ध में पहली बार वायुयानों का प्रयोग किया गया। स्थल युद्ध में टैंक नामक एक नया शस्त्र दुनिया के सामने आया। इस युद्ध में अनेक प्रकार की विषैली गैसें, भारी मशीनगर्ने, दूर तक मार करने वाली तोपें आदि भी पहली बार प्रयुक्त की गई।
2.राष्ट्रीय युद्ध 🎯
NATIONAL WAR ⬇️
युद्ध-प्रथम विश्व युद्ध के पूर्ववर्ती युद्धों में शासक ही युद्धभूमि में अपनी सेनाओं का संचालन करता था और जनता का युद्ध से कोई विशेष सम्बन्ध नहीं रहता था, लेकिन इस युद्ध में हवाई जहाजों के प्रयोग ने सैनिक और असैनिक सभी लोगों को युद्ध की अग्नि में झोंक दिया। मशीनी हथियारों के समक्ष पैदल सेना महत्वहीन हो गई। इस युद्ध में अनिवार्य सैनिक सेवा के कारण सभी देशों में लाखों लोग जबरन सेनाओं में भर्ती किए गए तथा एक ही युद्धस्थल पर सैनिकों की संख्या 60 से 70 लाख तक पहुँच गई। इस युद्ध में प्रत्येक राष्ट्र की धन व जन के साथ अन्य सभी वस्तुएँ भी प्रयुक्त की गई और प्रत्येक देश की जनता ने अपने देश को विजय दिलाने के लिए हर सम्भव प्रयास किए। इस प्रकार प्रथम विश्व युद्ध ने एक राष्ट्रीय युद्ध का रूप धारण कर लिया था।
3.लंबा युद्ध 🎯
LONG WAR⬇️
युद्ध-यह विश्व का पहला सबसे लम्बा युद्ध था। इस युद्ध में अनेक मोर्चे खुले थे और विभिन्न मोर्चों पर लाखों सैनिक दिन-रात संघर्षरत रहते थे। किन्तु यह युद्ध निरन्तर चलता नहीं था। रुक-रुककर खाइयों में रहकर युद्ध करने से सैनिक थक जाते थे और उनका दम घुटने लगता था। इस प्रकार यह युद्ध लम्बा और दम घोंट देने वाला युद्ध था
4.संगठित युद्ध 🎯
ORGANIZED WAR⬇️
प्रथम विश्व युद्ध पूर्ण रूप से संगठित युद्ध था। युद्धरत राष्ट्रों ने लगभग 25 वर्षों तक युद्ध की तैयारियाँ की थीं। प्रत्येक क्षेत्र, प्रत्येक उपनिवेश तथा अन्य भागों में दोनों पक्षों का शक्ति सन्तुलन बराबर था। इसके साथ-ही-साथ प्रत्येक पक्ष के अनेक गुट थे और जब तक उसके सभी गुट पराजित होकर हथियार न डाल दें, तब तक दूसरे पक्ष को विजय मिलना कठिन था।
उपर्युक्त विशेषताओं के कारण ही प्रथम विश्व युद्ध को एक महायुद्ध कहा जाता है। फिशर के अनुसार, "विश्व के इतिहास में पहली बार गोरी, काली, पीली तथा भूरी चमड़ी की जातियों ने बड़े भीषण रूप में इस युद्ध में कूद लगाई और एक-दूसरे को इतनी बेरहमी से काटने लगीं कि इस प्रकार की हत्याओं का इतिहास में पहले कभी कोई उदाहरण नहीं मिलता।"
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